हज़रत ख़्वाजा अब्बू हुबैरा बस्री
रहमतुह अल्लाह अलैहि
हज़रत ख़्वाजा अब्बू हुबैरा बस्री रहमतुह अल्लाह अलैहि का ताल्लुक़ बस्रा से था। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि अकाबिर वक़्त में से थे और ख़्वाजा हुज़ैफ़ा मराशी रहमतुह अल्लाह अलैहि के मुरीद-ओ-ख़लीफ़ा आज़म थे। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि का लक़ब अमीन उद्दीन था।
ख़्वाजा अब्बू हुबैरा बस्री रहमतुह अल्लाह अलैहि सतरह साल की उम्र में उलूम ज़ाहिरी से फ़ारिग़ हो गए थे ख़्वाजा मराशी रहमतुह अल्लाह अलैहि के मुरीद होने से पहले आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ने तीस साल रियाज़त शाक़ा में गुज़ारे लेकिन मुरीद होने के बाद एक ही हफ़्ता में मुक़ाम क़ुरब हासिल हो गया और एक साल बाद ख़िलाफ़त मिली।जिस दिन ख़िरक़ा ख़िलाफ़त अता हुआ उस दिन से नमक और शुक्र तर्क करदी और लज़्ज़त काम वदहन से दस्तबरदार हुए इस क़दर रोते थे कि बाअज़ औक़ात हाज़िरीन को अंदेशा होता कि आप रहमतुह अल्लाह अलैहि फ़ौत हो जाऐंगे। आप साहिब आली करामत-ओ-मुक़ामात-ए-अर्जुमंद थे
ख़्वाजा अब्बू हुबैरा बस्री रहमतुह अल्लाह अलैहि ७शवाल २७८ हिज्री को इसदार फ़ानी से रुख़स्त हुए।